What Is The Aims of Education In Hindi शिक्षा के उद्देश्य

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। उसे सुखपूर्वक एवं सन्तुलित जीवन बिताने के लिए शिक्षा का सहारा लेना पड़ता है। इन्हें ही शिक्षा का उद्देश्य (Aims Of Education) कहते हैं।

उद्देश्य का शाब्दिक अर्थ दिशा दिखाना भी होता है। स्पष्ट है कि मनुष्य जो कुछ प्राप्त करता है उसी स्थिति की ओर शिक्षा के उद्देश्यों द्वारा संकेत किया के जाता है।

अर्थात् ये एक आदर्श स्थिति की ओर संकेत करते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि "शैक्षिक उद्देश्य का अर्थ किसी ऐसे वाक्य से होता है जो व्यक्ति से वांछित परिवर्तन को आदर्श स्थिति की ओर संकेत करता है। इस आदर्श स्थिति को सीमा में नहीं बाँधा जा सकता है।"


What Is The Aims of Education In Hindi,शिक्षा के उद्देश्य,aims-education,aims-of-education

शिक्षा के उद्देश्य(Aims of Education)

शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। अतः इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ निश्चित उद्देश्यों की आवश्यकता होती है।

इन्हीं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए औपचारिक शिक्षा का विधान किया गया है। शिक्षा के निश्चित उद्देश्यों की आवश्यकता निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट होती है।

1. औपचारिक शिक्षा विधान

इस शिक्षा का विधान इन्हीं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया गया है। इससे इनका महत्व स्पष्ट है।

2. पाठ्यचर्या और शिक्षण विधियों का विधान

उद्देश्य निश्चित होने पर ही उनकी प्राप्ति के लिए पाठ्यचर्या का निर्माण होता है और उसे पूरा करने के लिए शिक्षण विधियों का निर्माण करना है। निश्चित उद्देश्यों के अभाव में यह रूपरेखा नहीं बन सकती।

3. शिक्षा प्रक्रिया का सुचारु रूप से संचालन

उद्देश्य स्पष्ट होने से ही सीखने और सिखाने वाले इन दोनों का मार्ग निश्चित होता है और शिक्षा प्रक्रिया सही ढंग से चलती रहती है।

4. उत्साह में वृद्धि

नियोजित शिक्षा को सुचारू रूप से चलाने की ओर उत्साह जागृत होता में है। उद्देश्य के अभाव में कार्य का उत्साह भी नहीं होता है।

5. समय और शक्ति का सदुपयोग

उद्देश्य स्पष्ट होने पर समय और शक्ति दोनों का सदुपयोग होता है, क्योंकि शिक्षक एवं विद्यार्थी यह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है।

इस प्रकार उद्देश्यों की अत्यधिक आवश्यकता है। शिक्षा का विधान जीवन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए होती है एवं जीवन का कोई एक उद्देश्य नहीं होता वरन् अनेक उद्देश्य होते हैं।

उनमें मुख्य उद्देश्य निम्न है:-

1. शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य

सुखमय जीवन एवं अच्छी शिक्षा के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है। A healthy mind in a healthy body अतः शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को ऐसा वातावरण मिलना चाहिए। जिसमें उनका शरीर अपनी नैसर्गिक शक्तियों के आधार पर विकसित हो।

2. बौद्धिक विकास का उद्देश्य

मनुष्य एक मनोशारीरिक प्राणी है अतः शिक्षा द्वारा मन और शिक्षा दोनों का विकास होना चाहिए। शिक्षा का बौद्धिक विकास से प्रत्यक्ष सम्बन्ध है। मानसिक विकास के उद्देश्य को प्राचीन काल से मान्यता दी गयी है।

3. चरित्र निर्माण का उद्देश्य

शिक्षा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य चरित्र निर्माण होता है। शिक्ष बालक के अच्छे गुणों को विकसित करती है एवं इन्हीं गुणों के समूह को चरित्र कहते हैं। इसी उद्देश्य के कारण शिक्षा बच्चों को उचित अनुचित का ज्ञान कराती है।

4. व्यावसायिक विकास का उद्देश्य

जीवकोपार्जन मनुष्य की प्रमुख आवश्यकता है। जीवित रहने के लिए मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कैसे जीविकोपार्जन करे यह शिक्षा ही निर्देशित करती है।

5. साँस्कृतिक विकास का उद्देश्य

प्रत्येक जाति व समाज की एक संस्कृति होती है। उसका विकास - शिक्षा का कर्तव्य है। व्यापक अर्थों में शिक्षा के सभी उद्देश्य इसमें निहित होते हैं।

6. आध्यात्मिक विकास का उद्देश्य

प्राचीन काल से यह शिक्षा का सर्वोच्च उद्देश्य रहा है। व्यक्ति के जीवन का अन्तिम उद्देश्य आत्मानुभूति ही है।

7. व्यक्ति एवं समाज के विकास का उद्देश्य

शिक्षा का कर्तव्य है कि व्यक्ति एवं समाज का विकास करके दोनों में समायोजन स्थापित करें।

8. नागरिकता का उद्देश्य

शिक्षा के लिए यह आवश्यक है कि वह मनुष्य को एक श्रेष्ठ नागरिक बनाये। नागरिकता के गुणों का ज्ञान राष्ट्र की सफलता के लिए आवश्यक है।

9. आत्माभिव्यक्ति का उद्देश्य

बच्चा कुछ मूल शक्तियाँ, गुण लेकर उत्पन्न होता है, उन्हें पूर्ण - रूप से अभिव्यक्त कर सकने का अवसर शिक्षा ही देती है।

10. समायोजन का उद्देश्य

प्रत्येक प्राणी को जीवित रहने के लिए अपनी परिस्थितियों से संघर्ष - करना पड़ता है। अतः शिक्षा द्वारा मनुष्य को वातावरण के समायोजन करने की विधि ज्ञात होती है।

11. उचित आदतों का निर्माण

व्यवहारी मनुष्य के व्यवहार पर सबसे अधिक बल देते हैं। वैसे सभी बालकों में आरम्भ से ही अच्छी आदतों को डालना आवश्यक होता है। यह कार्य शिक्षा से अच्छा कोई नहीं करता।

12. अवकाश के सदुपयोग का उद्देश्य

मनुष्य के लिए यह भी आवश्यक है कि अवकाश के समय का सदुपयोग करे (Empty Mind is devil's work shop) न सत्य होने दें।

उपरोक्त सभी उद्देश्य शिक्षा के लिए आवश्यक हैं अतः यह नहीं कहा जा सकता है कि शिक्षा इनमें से किसी एक उद्देश्य पर निर्भर हो वरन् सत्य तो यह है कि ये सभी उद्देश्य एक दूसरे के पूरक है।

अतः इन सबका सन्तुलित निर्वाह करना ही एक अच्छी शिक्षा प्रक्रिया का द्योतक है। इन सभी उद्देश्यों का एक में समन्वय ही शिक्षा का आदर्श उद्देश्य है।

आधुनिक लोकतन्त्रीय भारत में शिक्षा का उद्देश्य

  1. वैयक्तिक विकास
  2. सामाजिक विकास एवं नेतृत्व की शिक्षा
  3. व्यावसायिक कुशलता में वृद्धि
  4. बेरोजगारी दूर करना
  5. साँस्कृतिक विकास
  6. भावात्मक एकता की प्राप्ति
  7. राष्ट्रीय एकता का विकास एवं सुरक्षा
  8. अन्तर्राष्ट्रीय भावना का विकास।

यह भी पढ़े
शिक्षा क्या है
शिक्षा शास्त्र क्या है

निष्कर्ष

शिक्षा का उद्देश्य समय के साथ परिवर्तित होता रहा है। लेकिन उपर्युक्त विवरण से हम कह सकते है, की शिक्षा का उद्देश्य (Aims Of Education) शिक्षार्थी के अंदर निहित शक्तियों को बाहर निकल कर शिक्षार्थी का भौतिक, मानसिक, शारीरिक अर्थात सर्वंगिर्ण विकास करना है।


UP Board Result 2024 CLICK HERE

Surendra yadav

Hey Guys This is Surendra, and I created this website for the purpose of helping the people. All information on this website is published in good faith and for general information purposes only. facebook twitter youtube instagram

और नया पुराने